मोसाद के 05 स्पेशल ऑपरेशन, जो बनाते हैं उसे सबसे खूंखार, दास्तां सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे (05 special operations of Mossad, which make them the most dreaded, you will get goosebumps after listening to the stories)
मोसाद के 05 स्पेशल ऑपरेशन, जो बनाते हैं उसे सबसे खूंखार, दास्तां सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे (05 special operations of Mossad, which make them the most dreaded, you will get goosebumps after listening to the stories)
दुनिया का एकमात्र यहूदी देश इजरायल (Israel), चारों तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ है। 14 मई 1948 को आजाद देश बनने के बाद यहूदियों की खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन चंद महीनों में उनकी खुशी तब काफूर हो गई, जब उन्हें पता चला कि उनके आस-पास रहने वाले पड़ोसी उनके शुभचिंतक नहीं, बल्कि उसके सबसे बड़े दुश्मन हैं। इजरायल ने भी परिस्थितियों से मुंह न चुरा कर इससे डटकर मुकाबला करने का फैसला किया और खुद को इतना मजबूत और ताकतवर बनाया कि आज उसका नाम सुनकर ही उसके दुश्मन देशों की रूह कांप जाती है। इजरायल ने आजादी मिलने के एक साल बाद ही देश की आतंरिक और बाह्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद का गठन किया था और आज यह दुनिया की सबसे खतरनाक और खूंखार एजेंसियों में से एक मानी जाती है। इस एजेंसी में लगभग 7,000 से अधिक एजेंट काम करते हैं और इसके मुखिया सीधे प्रधानमंत्री को ही रिपोर्ट करते हैं। मोसाद ने इजरायल को सुरक्षित रखने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है और इसी एजेंसी के दम पर इजरायल दुनिया के किसी भी देश के सामने अपनी गर्दन झुकाने को तैयार नहीं होता है। वह डंके की चोट पर यह कहने वाला पहला देश है कि दुनिया में कहीं भी रह रहे हमारे देश के नागरिकों को अगर किसी आतंकी या देश ने निशाना बनाया तो हम उससे ढूढ कर खत्म करेंगे। उसकी इस बात को दुनिया भर के देश और खासकर उसके दुश्मन देश व आतंकवादी पूरी गंभीरता से लेते हैं क्योंकि उसने कई ऐसे ऑपरेशन कर खुद को साबित किया है। हाल ही में लेबनान में पेजर डिवाइस के जरिए सैकड़ों हिजबुल्लाह संगठन के आतंकवादियों को खत्म करने के बाद एक बार फिर मोसाद के चर्चे पूरी दुनिया में हो रहे हैं। इस आर्टिकल में हम इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा किए गए पांच सबसे खतरनाक ऑपरेशनों पर चर्चा करेंगे, जो उससे सबसे खूंखार होने का तमगा देती हैं।
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Operation Plumbat:
Operation Opera%
Operation Entebbe%
यह ऑपरेशन मोसाद के सबसे खतरनाक ऑपरेशनों में से एक माना जाता है। समय था 04 जुलाई 1976 और जगह था युगांडा का एंटेबे हवाई अड्डा। दरअसल, 27 जून 1976 को इजरायल से फ्रांस जा रही एयर फ्रांस की उड़ान को आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था। इस हाइजैक ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। वजह यह थी कि उस समय युगांडा में सैन्य शासन था और नरपिशाच कहे जाने वाले ईदी अमीन सत्ता पर काबिज था। वह बेहद खूंखार माना जाता था और सैन्य तख्तापलट करने के बाद उसने युगांडा में तमाम नए और सख्त नियम लागू कर दिए थे। प्लेन हाइजैक होने के बाद मोसाद ने अपने नागरिकों को छुड़ाने के लिए ऐसा पुख्ता प्लान बनाया, जिसमें चूक की कोई भी संभावना ही नही थी। मोसाद और इजराइली सेना ने करीब 100 लोगों की टीम बनाई और ऑपरेशन एंटेबे 03 जुलाई 1976 की रात को हुआ। इजराइली फोर्स के कमांडो सीधे एक ब्लैक मर्सिडीज और कुछ लैंड रोवर्स में एयरपोर्ट पहुंचे ताकि किसी को भी भनक न लगे। दरअसल, तानाशाह ईदी अमीन उस समय ऐसे ही काफिले के साथ चलता था। मोसाद का यह आइडिया काम कर गया और आतंकियों को भनक तक नही लगी। मात्र 90 मिनट के भीतर ही कमांडोज ने सभी आतंवादियों और युगांडा के 45 सैनिकों को ढेर कर दिया। इसके बाद 102 बंधकों की सुरक्षित रिहाई कराकर वह अपने देश लौट आए। इस मिशन को मोसाद के सबसे सफल ऑपरेशनों में से एक माना जाता है।
Operation Rath of God:
तारीख थी 06 दिसंबर 1972 की। जर्मनी के म्यूनिख में चल रहे ओलंपिक गेम्स में पांच सितंबर की रात को फिलिस्तीन के आतंकी संगठन ‘ब्लैक सेप्टेमंबर’ के 08 आतंकी खिलाड़ियों की ड्रेस पहनकर अपार्टमेंट में घुस गए और दो इजरायली एथलीटों की हत्या के साथ 09 को बंधक बना लिया। खिलाड़ियों के बदले इजरायल की जेलों में बंद 200 फिलिस्तीनी चरमपंथियों को छोड़ने की मांग रखी गई लेकिन तत्कालीन पीएम गोल्डा मेयर ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसके बाद बंधक खिलाड़ियों को लेकर आतंकी एयरपोर्ट पहुंचे तो जर्मन सुरक्षाबलों ने उन्हें घेर लिया। इससे बौखलाए आतंकियों ने सभी 09 खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद एनकाउंटर में पांच आतंकी मारे गए जबकि तीन आतंकी अदनान अल गाशे, जमाल अल गाशे और मोहम्मद सफादी जिंदा पकड़े गए। इसके बाद इजरायली पीएम ने एक कमेटी बनाई और ऑपरेशन "रैथ ऑफ गॉड" शुरू किया गया, जिसका मकसद हाइजैक में शामिल आतंकियों को ढूंढ कर मारना था। ऑपरेशन के तहत मोसाद ने बेरूत, फ्रांस, इटली सहित कई देशों में जाकर हाइजैक की घटना में शामिल सभी आतंकियों को अलग-अलग तरीके से मौत के घाट उतारा था।
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