जानिए क्या होता है पेजर, जिससे हिल गए लेबनान-ईरान (Know what is pager, which shook Lebanon-Iran)
जानिए क्या होता है पेजर, जिससे हिल गए लेबनान-ईरान (Know what is pager, which shook Lebanon-Iran)
आज के समय में कहा जाता है कि वही देश सबसे शक्तिशाली है, जो तकनीकी के मामले में सबसे आगे है। तकनीकी वह हथियार है, जिससे आप बड़े से बड़े दुश्मन को भी चुटकियों में मात दे सकते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया यहूदी देश इजरायल (Israel) ने। इजरायल ने तकनीक के दम पर ही अपने देश में बैठे-बैठे लेबनान और ईरान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। पेजर के जरिए इजरायल ने हिजबुल्ला (Hezbollah)व ईरान (Iran) के करीब 3,000 से अधिक लोगों को निशाना बनाया। इस हमले में जहां किसी के हाथ कट गए, किसी की आंख उड़ गई, किसी की अतड़ियां तो किसी के जांघ ही उड़ गई। आइए आपको बताते हैं कि क्या है पेजर और कैसे इसके जरिए इजरायल ने अपने दुश्मनों को टार्गेट बनाया। क्यों पेजर को अब भी आतंकी संगठन सबसे मुफीद मानते हैं और इसका सबसे अधिक प्रयोग करते हैं।
कैसा होता है पेजर डिवाइस (What is a pager device like?)
दरअसल, पेजर साधारण डिवाइसेस होते हैं, जिनके जरिए छोटे संदेशों या सिग्नल को आसानी से प्राप्त किया जाता है। इसका इस्तेमाल रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए ही होता है। कहा जाता है कि पेजर में अगर विस्फोट करना है तो रिमोट से ट्रिगर होने वाले विस्फोटक का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए पेजर में इसे पहले से छिपाया गया हो। हालांकि, इसके लिए यह भी जरूरी है कि लोगों तक पहुंचने से पहले ही पेजर को कंपनी में ही टेंपर कर दिया जाए या फिर शिपिंग के दौरान गुप्त तरीके से इसके अंदर कोई हथियार छुपाया जाए।
कैसे किया जाता है अटैक (How is the attack carried out?)
पेजर के जरिए अटैक या तो फ्रीक्वेंसी को जाम करके, उसे हैक करके या फिर वायरलेस सिग्नल कंट्रोल के जरिए भी किया जा कता है। इसके लिए खासकर आरएफआईडी यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए वायरलेस कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल्स कसे खराब कर दिया जाता है या फिर पेजर की तकनीक का ही सहारा लेकर उसमें रखे विस्फोटक को ऑन यानी ट्रिगर कर दिया जाता है। जिसके बाद यह ब्लास्ट हो जाता है और पेजर रखने वाले व्यक्ति को भारी नुकसान पहुंचता है। कभी-कभी तो पेजर रखने वाला व्यक्ति बुरी तरह घायल हो जाता है लेकिन विस्फोट तीव्र होने से उसकी जान भी जा सकती है। वर्तमान में यह सबसे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर है, जिसमें इजरायल को महारथ हासिल है।
मोसाद ने ऐसे मचाई तबाही (This is how Mossad created havoc)
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद अपने साहसिक कारनामों व अपने दुश्मनों को ढूंढ कर मारने के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में अगर इजरायल अपने दुश्मन देशों से घिरा होने के बावजूद पूरी तरह सुरक्षित है, तो उसके पीछे खुफिया एजेंसी मोसाद का ही हाथ है। फिलिस्ती ने चल रही लड़ाई के बीच लेबनान में सक्रिय हिजबुल्लाह भी इजरायल के लिए सिरदर्द बना हुआ है और अक्सर इजरायल पर मिसाइलें दागता रहता है। ऐसे में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह को सबक सिखाने के लिए फुलप्रूफ योजना पर काम कई महीने पहले ही शुरू कर दिया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी को कई महीने पहले 300 पेजरों की सप्लाई करने का ऑर्डर दिया था। इसकी भनक मोसाद को ऑर्डर देने के तुरंत बाद लग गई थी और वहीं से उसका मिशन शुरू हो गया। मोसाद ने लेबनान पहुंचने से पहले इन पेजरों से छेड़छाड़ कर इसमें विस्फोटक रख दिए थे। अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो जो गोल्ड अपोलो के एपी924 मॉडल के पेजर की खेप ताइवान से लेबनान भेजी गई थी, उसमें हर पेजर पर एक-दो औंस का एक्प्लोसिव एलीमेंट लगा हुआ था। खास बात यह है कि इस विस्फोटक को बैटरी के ठीक बगल में लगाया गया था और इसके किसी भी सेंसर या डिवाइस से डिटेक्ट कर पाना लगभग नामुमकिन था। रिपोर्ट्स की मानें तो 17 सितंबर 2024 की दोपहर 3ः30 बजे अचानक इन पेजर में एक मैसेज आया, जिसने इसमें लगाए गए एक्सप्लोसिव एलिमेंट को एक्टीवेट कर दिया। जिसके बाद कुछ ही देर में बीप-बीप की आवाज करते हुए यह ब्लास्ट हो गया।
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